खगोलविदों को मिल्की वे के केंद्र के पास मिला 'सोता हुआ' ब्लैक होल, गैलेक्सी के राज खोल सकता है
खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा मिल्की वे के केंद्र में स्थित विशालकाय ब्लैक होल Sagittarius A* के काफी करीब एक और, पहले से अज्ञात ब्लैक होल के होने के पुख्ता सबूत पाए हैं। यह ब्लैक होल 'सोता हुआ' यानी निष्क्रिय अवस्था में है।

ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज में जुटे खगोलविदों के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (ESO) के वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) और अन्य शक्तिशाली दूरबीनों के डेटा का उपयोग करते हुए, वैज्ञानिकों की एक टीम ने हमारी अपनी आकाशगंगा, मिल्की वे, के ठीक केंद्र के पास एक अप्रत्याशित खोज की है। उन्होंने पाया है कि गैलेक्टिक सेंटर में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल, जिसे Sagittarius A* (Sgr A*) के नाम से जाना जाता है, के निकट कुछ तारे अजीब तरह से परिक्रमा कर रहे हैं। इन तारों की गति का विस्तृत विश्लेषण करने पर पता चला कि वे केवल Sgr A* के गुरुत्वाकर्षण से ही प्रभावित नहीं हो रहे हैं, बल्कि एक और अनदेखी, भारी वस्तु भी उन्हें खींच रही है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह रहस्यमयी वस्तु एक 'सोता हुआ' (dormant) ब्लैक होल है – यानी यह सक्रिय रूप से अपने आसपास के पदार्थ को निगल नहीं रहा है, जिससे इसे सीधे देखना लगभग असंभव हो जाता है। अनुमान है कि यह एक मध्यवर्ती-द्रव्यमान वाला ब्लैक होल (intermediate-mass black hole) हो सकता है, जिसका द्रव्यमान हमारे सूर्य से हजारों गुना अधिक हो सकता है। इस खोज का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह हमें आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल कैसे बनते हैं और विकसित होते हैं, इस बारे में नई जानकारी दे सकता है। यह सोया हुआ दानव शायद अतीत में किसी छोटी गैलेक्सी के विलय का अवशेष हो सकता है।
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